वेब सीरीज “Murshid” का Review, मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की कहानी

Colleen Willy
9 Min Read

Murshid Webseries Review: 1990 के दशक में मुम्बई (जिसे पहले बॉम्बे के नाम से जाना जाता था) में गैंग वॉर का दौर अपने चरम पर था। उस समय के अखबारों की सुर्खियाँ अक्सर अंडरवर्ल्ड की गतिविधियों से भरी होती थीं। वेब सीरीज “Murshid,” जिसे श्रवण तिवारी ने निर्देशित किया है, उस दौर के एक अपराधी पर केंद्रित है जो अंडरवर्ल्ड से बचकर निकल गया था, लेकिन समय बीतने के बाद, भाग्य उसे फिर से उसी अंधेरे दुनिया में खींच लाता है।

कहानी की पृष्ठभूमि

Murshid की कहानी मुम्बई के अंडरवर्ल्ड के उस समय की है जब अपराध का बोलबाला था और पुलिस भी माफिया डॉन्स को पकड़ने में नाकामयाब रहती थी। ये वेब सीरीज मुख्य रूप से Murshid (के के मेनन) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पूर्व माफिया डॉन है, जो अब समाजसेवा में लगा हुआ है। लेकिन परिस्थितियाँ उसे फिर से अपराध की दुनिया में वापस लाने पर मजबूर कर देती हैं, जब उसके बेटे की जान खतरे में पड़ जाती है।

कहानी का सार

Murshid Pathan (के के मेनन) मुम्बई के 1990 के दशक का एक जाना-माना अंडरवर्ल्ड डॉन है। हालांकि उसके दो जैविक बच्चे थे, उसने कुमार प्रताप (तनुज विरवानी) नामक एक अनाथ को गोद लिया, जो बड़ा होकर पुलिस इंस्पेक्टर बन गया। अपने बड़े बेटे की मौत के लिए खुद को जिम्मेदार मानकर, Murshid ने अंडरवर्ल्ड को छोड़ने का फैसला किया। इस बीच, फरिद (ज़ाकिर हुसैन) Murshid की जगह लेकर मुम्बई पर राज करने लगता है।

Murshid का जैविक बेटा फरिद की गैंग में शामिल हो जाता है और एक बड़ी साजिश का शिकार बनता है। अपने दूसरे बेटे को खोने के डर से, Murshid फिर से अंडरवर्ल्ड के साथ अपने रिश्ते को बहाल करने पर मजबूर हो जाता है। फरिद, जो अब Murshid के बराबर ताकतवर हो चुका है, दोनों के बीच की टक्कर कहानी का प्रमुख हिस्सा बनती है। क्या Murshid अपने छोटे बेटे को वापस ला सकेगा? क्या ये मुकाबला खत्म होगा? इन सवालों के जवाब जानने के लिए इस सीरीज को देखना पड़ेगा।

निर्देशन और लेखन

श्रवण तिवारी ने एक यथार्थवादी कहानी बनाने की पूरी कोशिश की है। उन्होंने पात्रों को उनके सही स्थानों पर रखने का सराहनीय प्रयास किया है। ये वेब सीरीज कई ऐतिहासिक कालों पर ध्यान केंद्रित करती है और बार-बार अतीत और वर्तमान के बीच जाती है, जिससे कहानी में रहस्य और मोड़ बने रहते हैं। हालांकि, कुछ जगहों पर टाइमलाइन की जुगलबंदी थोड़ी उलझी हुई लगती है। कुछ हिस्सों में कहानी थोड़ी धीमी लग सकती है, लेकिन प्रत्येक एपिसोड के अंत में अगले एपिसोड की एक झलक देने का आकर्षण बना रहता है।

संवाद और पंचलाइंस भी काफी प्रभावशाली हैं। हालांकि लेखक माफिया डॉन को महिमामंडित करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, फिर भी ऐसे किरदार दर्शकों को आकर्षित करते हैं।

अभिनय

इस सीरीज में सबसे बड़ा आकर्षण के के मेनन का अभिनय है। उन्होंने Murshid Pathan के किरदार को पूरी तरह से जिया है। उनके संवाद अदायगी से लेकर उनकी उपस्थिति तक, सब कुछ बेहद वास्तविक लगता है। तनुज विरवानी ने भी अपने किरदार को बेहद प्रभावशाली ढंग से निभाया है, लेकिन हर बार जब के के मेनन स्क्रीन पर आते हैं, तो वे शो को अपने नाम कर लेते हैं।

अनंग देसाई, राजेश श्रृंगारपुरे, करमवीर चौधरी, ज़ाकिर हुसैन और अन्य कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है।

सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, निर्देशक श्रवण तिवारी ने इस सीरीज को बॉलीवुड के बेहतरीन गैंगस्टर ड्रामा से मुकाबला करने लायक बनाने की पूरी कोशिश की है। तनुज विरवानी, के के मेनन, और ज़ाकिर हुसैन इस सीरीज की ताकत के स्तंभ हैं। उन्होंने अपने अद्वितीय अभिनय से दर्शकों को बांधे रखा और इन किरदारों को जीवंत बना दिया है।

यदि आप गैंगस्टर ड्रामा पसंद करते हैं, तो “Murshid” आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। Zee5 पर इस वेब सीरीज को स्ट्रीम किया जा सकता है।

मुम्बई की अंडरवर्ल्ड की झलक

Murshid वेब सीरीज आपको 1980 और 1990 के दशक के मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की दुनिया में ले जाती है, जब अपराध की भरमार थी। यह सीरीज उन दिनों की यादें ताजा करती है जब मुम्बई का अंडरवर्ल्ड इतना ताकतवर था कि पुलिस भी इन डॉन्स को पकड़ने में असमर्थ थी।

किरदारों का विश्लेषण

के के मेनन के किरदार Murshid Pathan को एक अलग ही दर्जा प्राप्त है। Murshid का किरदार एक ऐसे माफिया डॉन का है, जिसने अपराध की दुनिया को छोड़कर एक शांतिपूर्ण जीवन जीने का प्रयास किया। लेकिन उसकी परिस्थितियाँ उसे फिर से उसी रास्ते पर लौटने के लिए मजबूर कर देती हैं।

तनुज विरवानी ने कुमार प्रताप के किरदार को बहुत ही अच्छे से निभाया है। एक अनाथ से लेकर पुलिस इंस्पेक्टर बनने तक का उनका सफर काफी प्रेरणादायक है। ज़ाकिर हुसैन ने फरिद के किरदार को जीवंत कर दिया है, जो Murshid के बाद अंडरवर्ल्ड का नया डॉन बनता है।

वेब सीरीज की खासियतें

Murshid की सबसे बड़ी खासियत उसकी यथार्थवादी कहानी है, जो 1990 के दशक के मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की सच्चाइयों को दर्शाती है। इस सीरीज में गैंग्स के बीच की टकराव, परिवार की उलझनें, और मुम्बई की रंगीन दुनिया को बड़े ही दिलचस्प तरीके से दिखाया गया है।

निर्देशन और संवाद

श्रवण तिवारी का निर्देशन काबिल-ए-तारीफ है। उन्होंने इस वेब सीरीज को इतने अच्छे से निर्देशित किया है कि दर्शक पूरी तरह से इसके साथ जुड़े रहते हैं।

संवादों की बात करें तो, Murshid में कई ऐसे संवाद हैं जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे। संवादों की गहराई और उनका प्रभाव इस सीरीज को और भी ज्यादा खास बनाता है।

मुम्बई का अंडरवर्ल्ड और Murshid का सफर

Murshid का सफर मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की सच्चाईयों को दर्शाता है। ये सीरीज उस समय की यादें ताजा करती है जब मुम्बई का अंडरवर्ल्ड अपनी चरम सीमा पर था।

Murshid Pathan का सफर एक माफिया डॉन से लेकर एक समाजसेवी बनने तक का है। लेकिन परिस्थितियाँ उसे फिर से उसी अंधेरे दुनिया में खींच लाती हैं, जिससे वह बचकर निकला था।

कहानी का मोड़ और नतीजा

कहानी में कई मोड़ आते हैं जो दर्शकों को बांधे रखते हैं। Murshid का अपने बेटे के लिए फिर से अंडरवर्ल्ड में लौटना, फरिद का Murshid की जगह लेना, और गैंग्स के बीच की टकराव ने इस सीरीज को बेहद रोचक बना दिया है।

Murshid एक बेहतरीन वेब सीरीज है, जो मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की सच्चाईयों को दर्शाती है। के के मेनन, तनुज विरवानी, और ज़ाकिर हुसैन ने अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है। श्रवण तिवारी ने इस सीरीज को इतने अच्छे से निर्देशित किया है कि यह दर्शकों को बांधे रखती है।

अगर आप गैंगस्टर ड्रामा पसंद करते हैं, तो Murshid आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसे ज़रूर देखें और मुम्बई के अंडरवर्ल्ड की इस सच्चाई का अनुभव करें।

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