Shikhar Dhawan Retirement, 14 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास

Colleen Willy
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Shikhar Dhawan ने अपने 14 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर का समापन कर दिया है। शनिवार सुबह अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक पोस्ट के जरिए धवन ने अपने संन्यास की घोषणा की। धवन ने आखिरी बार इस साल अप्रैल में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने आईपीएल 2024 में पंजाब किंग्स की कप्तानी की थी। धवन अपने करियर में 24 अंतरराष्ट्रीय शतक (17 वनडे में और 7 टेस्ट में) बना चुके हैं और कुल 269 मैच खेले हैं।

संन्यास की घोषणा और धवन के विचार

Shikhar Dhawan ने अपने संन्यास की घोषणा करते हुए कहा, “जीवन में आगे बढ़ने के लिए पन्ना पलटना जरूरी होता है और इसलिए मैं अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूँ। मैं इस बात से संतुष्ट हूँ कि मैंने भारत के लिए लंबे समय तक खेला। मैंने खुद से कहा कि इस बात से दुखी मत हो कि अब तुम भारत के लिए नहीं खेल पाओगे, बल्कि इस बात से खुश रहो कि तुमने अपने देश के लिए खेला।”

एक आधुनिक वनडे महान के रूप में धवन

Shikhar Dhawan का वनडे करियर उल्लेखनीय रहा है। वह उन कुछ आठ बल्लेबाजों में से एक हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में 5000 से अधिक रन बनाए हैं और जिनका औसत 40 से अधिक और स्ट्राइक रेट 90 से अधिक है। रोहित शर्मा और विराट कोहली इस सूची में शामिल अन्य भारतीय हैं। धवन ने भारत के लिए आखिरी मैच दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था।

प्रारंभिक करियर और टेस्ट में धमाकेदार पदार्पण

हालांकि Shikhar Dhawan ने अपने करियर में सभी प्रारूपों में खेला, लेकिन उनका वनडे करियर हमेशा बाकी प्रारूपों से ऊपर रहा। टेस्ट में उन्होंने पहली बार सुर्खियां बटोरी थीं, जब उन्होंने मोहाली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने डेब्यू मैच में 85 गेंदों पर शतक बनाया था, जो किसी भी टेस्ट डेब्यूटेंट द्वारा सबसे तेज शतक था। उन्होंने इस मैच में 187 रन बनाए और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई।

2013 में Shikhar Dhawan का शानदार प्रदर्शन

धवन के करियर का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ 2013 में आया जब उन्होंने वनडे में 1162 रन बनाए, जिनका औसत 50.52 और स्ट्राइक रेट 97.89 था। इस वर्ष की सबसे खास बात उनकी 363 रनों की पारी थी जो उन्होंने चैम्पियंस ट्रॉफी में खेली, जिसमें दो शतक शामिल थे। यह उनके वनडे करियर की वापसी के बाद उनकी पहली सीरीज थी, जो 2010-11 में निराशाजनक रही थी।

Rohit Sharma के साथ सलामी जोड़ी

इस टूर्नामेंट के बाद, धवन और रोहित शर्मा की सलामी जोड़ी का गठन हुआ, जो ओडीआई के इतिहास में चौथी सबसे सफल जोड़ी बनी। भारतीय जोड़ी के रूप में वे सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के बाद दूसरी सबसे सफल जोड़ी बने।

Shikhar Dhawan का ODI में लगातार योगदान

चैम्पियंस ट्रॉफी 2013 के बाद धवन ने भारतीय वनडे टीम के प्रमुख सदस्य के रूप में खुद को स्थापित किया। उन्होंने अगले कुछ वर्षों में एशिया कप 2014, विश्व कप 2015, चैम्पियंस ट्रॉफी 2017 और एशिया कप 2018 में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाए।

2019 वर्ल्ड कप में पहली बड़ी चुनौती

2019 में, धवन के वनडे करियर में पहली बड़ी चुनौती आई जब उन्हें इंग्लैंड में वर्ल्ड कप के दौरान अंगूठे की चोट के कारण बाहर होना पड़ा। यह चोट ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ द ओवल में शतक बनाने के तुरंत बाद लगी थी। हालांकि, इस चोट के बाद भी धवन ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम की कप्तानी की और टीम का नेतृत्व किया, खासकर जब टीम के नियमित खिलाड़ी अनुपस्थित थे।

आईपीएल करियर और रिकॉर्ड्स

Shikhar Dhawan ने आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस, डेक्कन चार्जर्स, सनराइजर्स हैदराबाद और पंजाब किंग्स का प्रतिनिधित्व किया। वह विराट कोहली के बाद आईपीएल में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उनके 6769 रन 221 पारियों में आए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 127.14 रहा है।

घरेलू क्रिकेट और अंडर-19 करियर

घरेलू क्रिकेट में धवन के शुरुआती वर्षों में दिल्ली की रणजी ट्रॉफी सफलता के साथ उनका करियर जुड़ा रहा। उन्होंने 2007-08 में उत्तर प्रदेश के खिलाफ फाइनल जीतकर खिताब जीता। धवन ने 2004 में अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत के लिए सबसे अधिक रन बनाए थे।

Shikhar Dhawan का योगदान और उनकी विरासत

Shikhar Dhawan का क्रिकेट करियर हमेशा भारतीय क्रिकेट के इतिहास में याद किया जाएगा। उनके द्वारा बनाए गए शतक, महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में उनका योगदान और भारतीय टीम के लिए उनकी शानदार साझेदारियां उनके करियर की कुछ मुख्य विशेषताएं हैं। धवन ने हमेशा अपनी खेल भावना, संघर्षशीलता और खेल के प्रति समर्पण को प्राथमिकता दी, जिसने उन्हें एक महान क्रिकेटर बना दिया।

उनके संन्यास के बाद भी, शिखर धवन का नाम भारतीय क्रिकेट में हमेशा चमकता रहेगा। उनका सफर सिर्फ रिकॉर्ड्स और शतक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने भारतीय क्रिकेट में एक अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने जो कुछ हासिल किया है, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा के रूप में रहेगा।

शिखर धवन ने अपने करियर में जो मुकाम हासिल किया है, वह भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनकी शानदार पारियों और रिकॉर्ड्स के साथ-साथ उनकी खेल भावना और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें भारतीय क्रिकेट का एक अद्वितीय हिस्सा बना दिया है। उनके संन्यास के बाद भी, उनका योगदान और उनकी विरासत हमेशा याद की जाएगी।

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