पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स में Nishad Kumar की उम्मीदें और चुनौतियाँ

Colleen Willy
7 Min Read

पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स का आयोजन 28 अगस्त से 8 सितंबर तक होने जा रहा है, और इस बार भारत की उम्मीदें Nishad Kumar जैसे प्रतिभाशाली पैरा-एथलीट पर टिकी हुई हैं। Nishad Kumar, जो पहले ही Tokyo 2020 पैरालिम्पिक्स में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं, अब पेरिस में अपना पहला गोल्ड मेडल जीतने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

Nishad Kumar: एक प्रेरणादायक सफर

24 वर्षीय Nishad Kumar, जो T47 कैटेगरी में प्रतिस्पर्धा करते हैं, भारत के उन 84 खिलाड़ियों में से एक हैं जो पेरिस में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। T47 कैटेगरी उन एथलीट्स के लिए होती है जो एक तरफ के ऊपरी अंगों में असमर्थता के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं।

Nishad Kumar का खेलों के प्रति जुनून और संघर्ष की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। एक दुर्घटना के कारण उनका एक हाथ काटना पड़ा, लेकिन इस घटना ने उनके हौसलों को कम नहीं किया। Nishad ने खेलों से जुड़ना जारी रखा और स्कूल में 200 मीटर और 400 मीटर की दौड़ के साथ हाई जंप में भी हिस्सा लिया।

प्रारंभिक सफलता और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान

Nishad की खेल यात्रा 2013 में National School Games में शुरू हुई, जहाँ उन्होंने सब-जूनियर हाई जंप कैटेगरी में 1.83 मीटर की छलांग लगाकर सिल्वर मेडल जीता। यह उनके करियर की पहली बड़ी उपलब्धि थी, जिसने उन्हें आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।

पैरा-एथलेटिक्स में कदम

2017 में, Nishad Kumar ने पैरा-एथलेटिक्स में अपना करियर शुरू किया और Naseem Ahmed और Vikram Chaudhary जैसे अनुभवी कोचों के तहत प्रशिक्षण लिया। Naseem Ahmed, जो ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट Neeraj Chopra के पूर्व कोच रहे हैं, ने Nishad को उनकी क्षमताओं को निखारने में मदद की।

अंतर्राष्ट्रीय सफलता और Tokyo 2020 की यादगार यात्रा

Nishad Kumar के लिए 2019 एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ, जब उन्होंने दुबई में आयोजित World Para Athletics Championships में पुरुषों की हाई जंप T47 कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह उनके करियर की पहली अंतर्राष्ट्रीय सफलता थी, जिसने उन्हें आत्मविश्वास और नई दिशा दी।

2021 का साल Nishad के लिए अत्यधिक सफल रहा। उन्होंने दुबई में आयोजित 12th Fazaa International Championships में T46 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। इसके बाद Tokyo 2020 पैरालिम्पिक्स में Nishad ने T47 कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। उन्होंने 2.06 मीटर की छलांग लगाकर एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया।

निरंतर सफलता की कहानी

Tokyo 2020 के बाद भी Nishad ने अपनी सफलता की यात्रा जारी रखी। 2022 Asian Para Games में उन्होंने 2.02 मीटर की छलांग लगाकर गोल्ड मेडल जीता, जो कि एक एशियाई पैरागेम्स रिकॉर्ड था। इसके बाद, 2023 पेरिस और 2024 कोबे Para Athletics World Championships में भी उन्होंने सिल्वर मेडल जीतकर अपनी श्रेष्ठता को बनाए रखा।

पेरिस 2024 में Nishad Kumar की उम्मीदें

अब पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स में Nishad Kumar एक बार फिर से अपने देश के लिए पदक जीतने के लिए तैयार हैं। उनके पास Tokyo 2020 में सिल्वर मेडल जीतने का अनुभव है और अब वह अपने इस अनुभव को गोल्ड में बदलने की कोशिश करेंगे।

Nishad की तैयारी और उनकी टीम का समर्थन उन्हें पेरिस में सफल होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। पेरिस पैरालिम्पिक्स में उनकी सफलता न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय होगी।

Nishad Kumar का मानसिक और शारीरिक तैयारी

पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स के लिए Nishad Kumar की तैयारी सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी हो रही है। उन्होंने Tokyo 2020 में जो अनुभव हासिल किया, वह अब उन्हें पेरिस में मदद करेगा। Nishad को अब अपनी मानसिक मजबूती पर भी ध्यान देना होगा, क्योंकि पैरालिम्पिक्स जैसे बड़े मंच पर मानसिक तैयारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण होती है जितनी की शारीरिक क्षमता।

चुनौतीपूर्ण प्रतियोगिता

पेरिस 2024 में Nishad Kumar के लिए प्रतियोगिता और भी कठिन हो सकती है। विश्व भर के शीर्ष एथलीट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करना किसी भी एथलीट के लिए आसान नहीं होता। लेकिन Nishad की पिछली सफलताओं और उनकी मेहनत को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि वह इस चुनौती का सामना करने में सक्षम होंगे।

Nishad के कोचों का योगदान

Nishad Kumar के कोच, Naseem Ahmed और Vikram Chaudhary, ने उनकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन कोचों ने Nishad की तकनीक और रणनीतियों को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अब, पेरिस पैरालिम्पिक्स में भी, इन कोचों की रणनीतियों और मार्गदर्शन का Nishad की सफलता में बड़ा योगदान रहेगा।

Nishad Kumar के लिए देश की उम्मीदें

पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स में Nishad Kumar की सफलता पर पूरे देश की उम्मीदें टिकी हुई हैं। उन्होंने पहले ही अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन Tokyo 2020 में कर दिया है, और अब वह इस सफर को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं। उनके लिए पेरिस पैरालिम्पिक्स सिर्फ एक और प्रतियोगिता नहीं, बल्कि अपने देश के लिए एक और पदक जीतने का मौका है।

Nishad Kumar का सफर एक प्रेरणा की कहानी है। उन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से यह साबित कर दिया है कि किसी भी असमर्थता को सफलता की राह में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। पेरिस 2024 पैरालिम्पिक्स में उनकी सफलता न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का विषय होगी। अब यह देखना होगा कि वह कैसे इस बड़े मंच पर अपने प्रदर्शन से सबको प्रभावित करते हैं और भारत के लिए एक और पदक जीतते हैं।

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