Hindenburg Research Soon, भारतीय स्टॉक मारकेट को हिलाने और एक रिपोर्ट

Colleen Willy
7 Min Read

Hindenburg Research, एक अमेरिकी फर्म, ने हाल ही में भारत को लेकर एक नई रिपोर्ट के संकेत दिए हैं, जिससे भारतीय स्टॉक मार्केट में एक बार फिर हलचल मचने की संभावना है। यह फर्म पहले भी Adani group के खिलाफ गंभीर आरोप लगा चुकी है, जिसने भारतीय बाजार और निवेशकों के बीच बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।

Hindenburg Research कंपनी

हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी कंपनी है, जो वित्तीय अनियमितताओं और कॉर्पोरेट घोटालों को उजागर करने के लिए जानी जाती है। जनवरी 2023 में, इस फर्म ने अदानी ग्रुप पर वित्तीय गड़बड़ियों और स्टॉक मार्केट उल्लंघनों के आरोप लगाए थे। इस रिपोर्ट ने अदानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में भारी गिरावट का कारण बना, जिससे समूह को लगभग 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।

Adani group पर आरोप

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदानी ग्रुप पर स्टॉक मैनिपुलेशन और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि अदानी ग्रुप ने अंदरूनी व्यापार और अन्य वित्तीय उल्लंघनों का सहारा लिया है। इन आरोपों के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों की कीमतों में बड़ी गिरावट आई, जिससे भारतीय बाजार में हलचल मच गई।

रिपोर्ट के जारी होने के दो दिन बाद ही अदानी एंटरप्राइजेज ने $2.5 बिलियन की फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफरिंग (FPO) जारी की थी, लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के चलते इस पेशकश को बड़ा झटका लगा।

महेश जेठमलानी के आरोप

महेश जेठमलानी, एक वरिष्ठ भारतीय वकील और बीजेपी नेता, ने जुलाई 2023 में एक गंभीर आरोप लगाया कि अमेरिकी व्यापारी मार्क किंगडन और उनकी पत्नी अनला चेंग ने हिंडनबर्ग रिसर्च को अदानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने के लिए हायर किया था। जेठमलानी का दावा था कि किंगडन और चेंग ने कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (KMIL) का इस्तेमाल करके अदानी के शेयरों की शॉर्ट-सेलिंग के लिए एक ट्रेडिंग अकाउंट सेट किया, जिससे उन्होंने भारतीय रिटेल निवेशकों की कीमत पर करोड़ों का मुनाफा कमाया।

चीन कनेक्शन का शक

जेठमलानी ने यह भी आरोप लगाया कि अदानी ग्रुप को निशाना बनाने वाली राजनीतिक आवाजों और चीन के बीच संबंधों की जांच होनी चाहिए। उनका मानना है कि यह अदानी ग्रुप पर हमला चीन द्वारा हाइफा पोर्ट जैसे बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हार का बदला लेने की कोशिश हो सकती है।

Adani group को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत

इन गंभीर आरोपों और विवादों के बावजूद, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने अदानी ग्रुप को हिंडनबर्ग के आरोपों से क्लीन चिट दे दी है। यह निर्णय भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की एक रिपोर्ट के आधार पर लिया गया, जिसमें अदानी ग्रुप को हिंडनबर्ग के आरोपों से मुक्त किया गया।

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अदानी-हिंडनबर्ग मुद्दे की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) के गठन के लिए दायर पुनर्विचार याचिका को भी खारिज कर दिया।

गौतम अदानी का बयान

जून 2023 में Adani enterprises की वार्षिक आम बैठक (AGM) के दौरान, ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी ने इन आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “हमने एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए निराधार आरोपों का सामना किया, जिसने हमारी दशकों की मेहनत पर सवाल उठाए।” यह बयान अदानी ग्रुप के आत्मविश्वास को दर्शाता है, जो इन आरोपों के बावजूद अपने विकास पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

Hindenburg Research की संभावित नई रिपोर्ट भारत के लिए संकेत

हाल ही में, Hindenburg Research ने अपने X (Twiter) सोशल मीडिया अकाउंट पर एक क्रिप्टिक संदेश पोस्ट किया, जिसमें कहा गया था, “”Something big soon India.” इस संक्षिप्त संदेश ने भारतीय बाजार में एक बार फिर तनाव का माहौल पैदा कर दिया है, क्योंकि निवेशकों को इस संभावित नई रिपोर्ट के बारे में चिंता है।

संभावित परिणाम

यदि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा एक नई रिपोर्ट जारी की जाती है, तो यह भारतीय स्टॉक मार्केट पर व्यापक प्रभाव डाल सकती है। अदानी ग्रुप के साथ हुई पिछली घटनाओं को देखते हुए, यह आशंका है कि इस बार भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट भारतीय कंपनियों के शेयरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।

निवेशक और बाजार विश्लेषक अब इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि Hindenburg Research अपनी नई रिपोर्ट में किन बिंदुओं को उजागर करेगा और इसका भारतीय बाजार पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

बाजार की तैयारी

भारतीय बाजार ने पिछले कुछ वर्षों में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन हिंडनबर्ग जैसी रिपोर्ट्स से उत्पन्न होने वाले अस्थिरता का मुकाबला करने के लिए निवेशकों को सतर्क रहना होगा।

माना जा रहा है कि अगर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा फिर से कोई गंभीर आरोप लगाए जाते हैं, तो भारतीय बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। इसके चलते निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को पुनर्विचार करने की आवश्यकता पड़ सकती है।

Hindenburg Research द्वारा अदानी ग्रुप के खिलाफ लगाए गए आरोपों ने भारतीय बाजार में हलचल मचाई थी, और अब संभावित नई रिपोर्ट के संकेतों ने फिर से चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, अदानी ग्रुप को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत और गौतम अदानी के बयान ने निवेशकों के बीच विश्वास को पुनः स्थापित किया है।

भारतीय बाजार के लिए, आने वाले समय में सतर्कता और विवेकपूर्ण निवेश की आवश्यकता होगी। हिंडनबर्ग की संभावित नई रिपोर्ट से उत्पन्न होने वाले जोखिमों को देखते हुए, निवेशकों को बाजार के हर नए घटनाक्रम पर नजर बनाए रखनी चाहिए और अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर करने चाहिए।

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