Gyaarah Gyaarah, एक ऐसा वेब शो है जो दो पुलिस अधिकारियों को दशकों के फासले के बावजूद एक वॉकी-टॉकी के माध्यम से जोड़ता है। यह सीरीज उतनी ही रहस्यमयी है जितनी मिस्टिकल। निर्देशक उमेश बिष्ट ने मुंबई में इस वेब शो के लॉन्च के मौके पर The Telegraph से बात की। शो में राघव जुयाल, धैर्य करवा और कृतिका कामरा मुख्य भूमिका में हैं। यह शो इस शुक्रवार को Zee5 पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध होगा।
Gyaarah Gyaarah उत्तराखंड की कहानी
Gyaarah Gyaarah की कहानी उत्तराखंड में सेट की गई है, जो इसके रहस्य और मिस्टिकल थीम के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उत्तराखंड को देवभूमि के रूप में जाना जाता है, जो मिस्टिकल तत्वों के लिए एक परफेक्ट लोकेशन है। पहाड़ी इलाके इस कहानी में रहस्यमयता को जोड़ते हैं। निर्देशक उमेश बिष्ट उत्तराखंड से ताल्लुक रखते हैं, और इस क्षेत्र की संस्कृति से भली-भांति परिचित हैं, जिससे उन्होंने कहानी में गहराई और चरित्रों में वास्तविकता जोड़ने में मदद की। इस सीरीज की शूटिंग देहरादून, मसूरी और गढ़वाल के अंदरूनी इलाकों में की गई है, जिससे इसकी दृश्यता और भी मजबूत हो जाती है।
कहानी के अनुकूलन और बदलाव
Gyaarah Gyaarah का कॉन्सेप्ट कोरियाई सीरीज Signal से प्रेरित है, जिसे भारतीय दर्शकों के अनुरूप ढाला गया है। हालांकि, इस कहानी को भारतीय संदर्भ में फिट करने के लिए काफी बदलाव किए गए। जहां कोरियाई सीरीज 17 एपिसोड्स में थी, वहीं Gyaarah Gyaarah को 8 एपिसोड्स में समेटा गया है। निर्देशक उमेश बिष्ट ने इसे भारतीय दर्शन के अद्वैत सिद्धांत से जोड़ा है, और दो कुशल लेखकों — संजॉय शेखर और पुजा बनर्जी — ने इस स्क्रीनप्ले को तैयार किया।
अलग अलग टाइम पीरियड
इस कहानी में तीन समय अवधि शामिल हैं — 1990, 2001, और वर्तमान 2016। शो की शुरुआत 1990 से होती है, जहां धैर्य करवा का किरदार इंस्पेक्टर शौर्य रहता है। 2001 में, शौर्य का किरदार गायब हो जाता है और 2016 में राघव जुयाल का किरदार युग आर्य इसे सुलझाने का प्रयास करता है। इन विभिन्न समय अवधियों के साथ कहानी आगे बढ़ती है और रहस्यों का खुलासा करती है। शो के निर्माता और कलाकारों ने बड़ी बारीकी से इन समय अवधियों को चित्रित किया है, ताकि दर्शक कहानी से जुड़े रहें।
संगीत और कला निर्देशन की भूमिका
Gyaarah Gyaarah में संगीत का भी महत्वपूर्ण स्थान है। शो के लिए अरिजीत सिंह ने एक बैकग्राउंड सॉन्ग गाया है। इसके अलावा, शो में तीन और सुंदर गाने हैं, जो शो के मूड और माहौल को गहराई से जोड़ते हैं। संगीतकार करण ने शो के लिए बेहतरीन काम किया है, जिससे कहानी और भी जीवंत हो जाती है।
कला निर्देशन भी इस शो में एक बड़ी चुनौती थी, क्योंकि विभिन्न समय अवधियों को दिखाने के लिए बहुत ही सूक्ष्म बदलाव किए गए थे। संदीप मेहर ने इस शो के प्रोडक्शन डिज़ाइन को बखूबी संभाला है, जिससे समय के परिवर्तन का आभास होता है। उन्होंने 2001 से 2016 के समय परिवर्तन को एक ही शॉट में दिखाया है, जिसमें छोटे-छोटे बदलावों जैसे फर्नीचर, गाड़ियों आदि का ध्यान रखा गया है।
Gyaarah Gyaarah कास्टिंग और राघव जुयाल का रोल
Gyaarah Gyaarah की कास्टिंग को लोकेशन और कहानी के अनुसार चुना गया है। राघव जुयाल, जो देहरादून से हैं, को उनके स्थानीय भाषा और बोली के कारण चुना गया। हालांकि, उनकी पिछली फिल्म Kill में उनका किरदार उन्हें इस नए किरदार में ढलने से रोक रहा था, लेकिन उन्होंने अंततः ऑडिशन में अपने किरदार को सही से निभाया। निर्देशक उमेश बिष्ट ने बताया कि उन्होंने राघव को इस नए किरदार में ढालने के लिए एक लंबी वर्कशॉप की।
“Gyaarah Gyaarah” Watch on Zee 5
Gyaarah Gyaarah शो का नाम और उसकी विशेषता
शो का नाम Gyaarah Gyaarah इसलिए रखा गया है क्योंकि यह एक मिस्टिकल नंबर है। अंकशास्त्र में, 11.11 को एक एंजेलिक नंबर माना जाता है, जो आपके इच्छाओं को पूरा करने का संकेत देता है। मनोविज्ञान में, इस नंबर को सिंक्रोनिसिटी से जोड़ा जाता है, जिसे कार्ल जुंग ने बताया था। यह तब होता है जब आंतरिक और बाहरी कारक बिना किसी कारण के एक साथ मिलते हैं और आपको वांछित परिणाम प्राप्त होता है।
शो के भविष्य की संभावनाएं
Gyaarah Gyaarah के अंतिम एपिसोड में दर्शकों को एक बड़ा खुलासा मिलेगा, जो इस शो के आगे की कहानी की दिशा को दर्शाता है। यह शो दर्शकों के लिए एक रहस्यमयी और मिस्टिकल यात्रा का अनुभव कराएगा, जिसमें समय, स्थान और पात्रों के बीच की जटिलताओं का खुलासा होगा।
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