Gold & Silver Price Today 30 Sept: भारत में सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार देखा जा रहा है। चाहे शादी हो या कोई बड़ा निवेश, सोने और चांदी का महत्व हमेशा से रहा है। अगर हम हाल के समय की बात करें, तो सितंबर 2024 के अंत तक सोने और चांदी दोनों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिले हैं। आज हम विस्तार से जानेंगे कि हाल के दिनों में सोने और चांदी की कीमतों में बढ़त और गिरावट के क्या कारण हैं, और यह बाजार किस दिशा में जा रहा है।
Gold Price Today (September 30, 2024)
30 सितंबर 2024 को, 24 कैरेट सोने की कीमत 75,180 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जबकि 22 कैरेट सोना 68,915 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा था। छोटे निवेशकों के लिए, 24 कैरेट सोने की प्रति ग्राम कीमत 7,518 रुपये रही। पिछले हफ्ते में 24 कैरेट सोने की कीमत में 1.63% की वृद्धि देखी गई, और पिछले 10 दिनों में यह वृद्धि 1.90% तक पहुंची।
Silver Rate Today
चांदी के प्रति किलोग्राम की कीमत 91,380 रुपये रही, जो कि कुछ दिन पहले की कीमतों से थोड़ी कम है।
फ्यूचर ट्रेड में सोने और चांदी की कीमतें
फ्यूचर ट्रेड के दौरान, अक्टूबर डिलीवरी के लिए सोने का कॉन्ट्रैक्ट मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 0.10% की वृद्धि के साथ 74,930 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। वहीं, दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का कॉन्ट्रैक्ट हरे निशान पर 91,400 रुपये प्रति किलोग्राम पर कारोबार कर रहा था। यह दर्शाता है कि निवेशक अभी भी सोने और चांदी में अपनी रुचि दिखा रहे हैं, खासकर चांदी में जो अभी भी मजबूत स्थिति में है।
सोने की कीमत में गिरावट के कारण
हालांकि सोने की कीमतों में हाल ही में उछाल देखा गया है, लेकिन इसके कुछ गिरावट के कारण भी हैं। आइए जानें कि आखिर क्यों सोने की कीमतों में गिरावट आई है:
1. अमेरिकी GDP डेटा का असर
अमेरिकी अर्थव्यवस्था में हाल ही में आई मजबूती ने सोने की कीमतों पर बड़ा असर डाला है। यूएस ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एनालिसिस (BEA) के मुताबिक, अमेरिका का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दूसरी तिमाही में 3% की दर से बढ़ा, जो पहली तिमाही में 1.6% था। अमेरिका की आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ ही निवेशक शेयर बाजार की ओर अधिक रुख करने लगे हैं, जिससे सोने की मांग कम हो गई है। जब अर्थव्यवस्था मजबूत होती है, तो निवेशक कमोडिटीज की बजाय शेयर मार्केट में अधिक निवेश करते हैं, जिससे सोने की कीमतों में गिरावट आती है।
2. प्रॉफिट बुकिंग
सोने की कीमतों में गिरावट का एक और कारण प्रॉफिट बुकिंग है। हाल ही में सोने की कीमतें दिल्ली में 78,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंच गई थी, जो कि अब तक की सबसे ऊंची दरों में से एक है। पश्चिमी केंद्रीय बैंकों द्वारा ब्याज दरों में कटौती शुरू होने के बाद, सोने की कीमतें बढ़ने लगी। पिछले एक हफ्ते में सोने की कीमतों में लगभग 2% की वृद्धि हुई है, जबकि पिछले एक महीने में यह 5% से अधिक बढ़ी है। ऐसे में कई निवेशक अपनी लाभ बुकिंग करते हैं, जिससे कीमतें थोड़ी गिरने लगती हैं।
सोने और चांदी में निवेश का भविष्य
निवेशकों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि सोने और चांदी में निवेश लंबे समय के लिए फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, कीमतों में उतार-चढ़ाव हमेशा से रहा है, लेकिन बाजार के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में भी सोने और चांदी की कीमतों में उछाल देखा जा सकता है। खासकर तब जब वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की अस्थिरता या संकट उत्पन्न होता है, सोने और चांदी जैसे सुरक्षित निवेशों की मांग बढ़ जाती है।
बाजार के विशेषज्ञों की राय
बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है। मौजूदा समय में अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक बाजारों की उथल-पुथल के कारण सोने की मांग में कमी आई है। हालांकि, दीर्घकालिक निवेशकों को इस प्रकार के उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में कीमतें फिर से बढ़ सकती हैं।
सोने और चांदी के निवेश के लाभ
- लंबी अवधि में सुरक्षा: सोना और चांदी लंबे समय से सुरक्षित निवेश माने जाते हैं। जब भी वैश्विक आर्थिक संकट आता है, लोग सोने और चांदी में निवेश करना पसंद करते हैं।
- इंफ्लेशन से सुरक्षा: महंगाई बढ़ने के साथ-साथ सोने और चांदी की कीमतें भी बढ़ती हैं, जिससे ये निवेशकों को महंगाई से बचाव का अच्छा जरिया प्रदान करते हैं।
- लिक्विडिटी: सोना और चांदी की खरीद-बिक्री में लिक्विडिटी की कोई कमी नहीं होती। आप आसानी से इन्हें खरीद या बेच सकते हैं।
- विविधता का साधन: निवेश पोर्टफोलियो में सोने और चांदी को शामिल करने से विविधता आती है, जिससे जोखिम कम होता है।
भविष्य में सोने और चांदी की कीमतें
विशेषज्ञों का मानना है कि 2024 के अंत तक और 2025 में सोने और चांदी की कीमतों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है। खासकर यदि अमेरिकी डॉलर कमजोर होता है, या वैश्विक स्तर पर कोई आर्थिक संकट उत्पन्न होता है।
सोने के निवेश का सही समय
सोने में निवेश करने के लिए सबसे अच्छा समय वह होता है जब कीमतों में गिरावट आती है। हालांकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि सोने और चांदी के निवेश के लिए धैर्य की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह एक दीर्घकालिक निवेश है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो सोने और चांदी में निवेश आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
चांदी का महत्व और निवेश
चांदी का भी निवेश बाजार में महत्वपूर्ण स्थान है। औद्योगिक मांग और गहनों की मांग दोनों ही चांदी की कीमतों को प्रभावित करते हैं। सोने की तुलना में, चांदी की कीमतें अधिक उतार-चढ़ाव करती हैं, लेकिन दीर्घकालिक निवेशकों के लिए यह भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
चांदी की कीमतें कैसे बदलती हैं?
चांदी की कीमतें सोने की तरह ही कई कारकों पर निर्भर करती हैं। औद्योगिक मांग, डॉलर का मूल्य, वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति और सरकार की नीतियां चांदी की कीमतों को प्रभावित करती हैं। यदि वैश्विक औद्योगिक मांग बढ़ती है, तो चांदी की कीमतों में भी वृद्धि देखी जा सकती है।
सोना और चांदी निवेश के लिए एक सुरक्षित विकल्प माने जाते हैं, खासकर तब जब वैश्विक अर्थव्यवस्था में अस्थिरता होती है। हाल के दिनों में इनकी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय में ये निवेशकों को अच्छा रिटर्न प्रदान कर सकते हैं। इसलिए, जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करने का विचार कर रहे हैं, उन्हें सोने और चांदी में निवेश पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि आप बाजार के मौजूदा हालात पर नजर बनाए रखें और सही समय पर निवेश करें।
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