Gold & Silver Price Today 25 Sept: भारत में सोने की कीमतें लगातार दूसरे दिन बढ़ रही हैं। 25 सितंबर 2024 को 24 कैरेट सोने (10 ग्राम) की कीमत ₹76,360 तक पहुँच गई, जबकि 22 कैरेट सोने (10 ग्राम) का भाव ₹70,000 पर है। पिछले 24 घंटों में 24 कैरेट सोने की कीमत में ₹210 और 22 कैरेट सोने की कीमत में ₹200 की वृद्धि हुई है।
विभिन्न शहरों में Gold Price में बदलाव
भारत के विभिन्न शहरों में gold price में बदलाव देखने को मिला है। नीचे दिए गए चार्ट में 24 कैरेट और 22 कैरेट सोने की कीमतों की जानकारी दी गई है:
शहर | 24 कैरेट (₹) | 22 कैरेट (₹) |
दिल्ली | ₹76,510 | ₹70,150 |
मुंबई | ₹76,360 | ₹70,000 |
चेन्नई | ₹76,360 | ₹70,000 |
कोलकाता | ₹76,360 | ₹70,000 |
हैदराबाद | ₹76,360 | ₹70,000 |
बैंगलोर | ₹76,360 | ₹70,000 |
भुवनेश्वर | ₹76,360 | ₹70,000 |
Silver Price में गिरावट
सोने के विपरीत, भारत में चांदी की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। पिछले 24 घंटों में चांदी की कीमत ₹100 की गिरावट के साथ ₹92,900 प्रति किलोग्राम हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में Gold और Silver Price
अमेरिका में सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊँचाइयों के करीब बनी हुई हैं, जिसका कारण डॉलर में कमजोरी और मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्षों के बीच सोने की सुरक्षित निवेश के रूप में मांग है। बुधवार को सोने की स्पॉट कीमत $2,658.07 प्रति औंस थी, जबकि मंगलवार को सोने की कीमत ने $2,664.25 के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छुआ था।
- स्पॉट चांदी $32.11 प्रति औंस स्थिर रही।
- प्लैटिनम 0.4% बढ़कर $989.60 पर पहुँच गया।
- पैलेडियम 0.2% गिरकर $1,054.75 पर आ गया।
फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती
पिछले हफ्ते, अमेरिकी सेंट्रल बैंक Federal Reserve ने अपनी बेंचमार्क ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती की, जिससे यह दर 4.75%-5.00% पर आ गई। यह पिछले चार सालों में पहली बार हुआ है जब ब्याज दरों में इतनी बड़ी कटौती की गई है। ब्याज दरों में इस तरह की कटौती को सोने के लिए सकारात्मक माना जाता है, और इसका असर सोने की बढ़ती कीमतों पर साफ देखा जा सकता है।
सोने के दामों में वृद्धि के कारण
भारत में सोने की कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय बाजार, डॉलर की स्थिति, ब्याज दरें, और स्थानीय मांग शामिल हैं। फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती से अमेरिकी डॉलर कमजोर हो गया है, जिससे सोने की मांग बढ़ी है।
इसके अलावा, मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्षों ने भी निवेशकों को सुरक्षित विकल्प के रूप में सोने की ओर आकर्षित किया है। निवेशक अनिश्चित समय में सोने को एक सुरक्षित निवेश मानते हैं, और इसलिए इसकी कीमत में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है।
Investment in Gold: क्या करना चाहिए?
सोने की कीमतों में हो रही इस वृद्धि को देखते हुए कई निवेशक यह सोच रहे होंगे कि उन्हें सोने में निवेश करना चाहिए या नहीं। आमतौर पर, जब वैश्विक बाजार में अनिश्चितता होती है, तो सोने की कीमतों में उछाल आता है। वर्तमान स्थिति में, जहां अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती और मध्य पूर्व में तनाव बढ़ रहा है, सोने की कीमतें भविष्य में और भी बढ़ सकती हैं।
हालांकि, निवेश से पहले यह समझना जरूरी है कि सोने की कीमतें हमेशा स्थिर नहीं रहती हैं। वैश्विक बाजार में किसी भी बड़े बदलाव के कारण सोने की कीमतें घट भी सकती हैं। इसलिए, यदि आप सोने में निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप लंबी अवधि के निवेश के रूप में इसे देखें और बाजार की स्थिति पर ध्यान दें।
भारत में सोने की मांग और आपूर्ति
भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है, और यहां सोने की मांग सालभर बनी रहती है। खासतौर पर शादियों और त्योहारों के दौरान सोने की खरीदारी बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतें भी बढ़ने लगती हैं। हाल के दिनों में भी भारत में सोने की मांग बढ़ी है, खासकर शादियों के सीजन और आगामी त्योहारों के मद्देनजर।
दूसरी ओर, सोने की आपूर्ति ज्यादातर आयात पर निर्भर करती है। जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो इसका सीधा असर भारत में भी देखने को मिलता है। इसी कारण से, भारत में सोने की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार की कीमतों से जुड़ी रहती हैं।
Gold Rates और भारतीय अर्थव्यवस्था
सोने की कीमतों में वृद्धि का भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है। सोने का आयात भारत के कुल व्यापार घाटे का एक बड़ा हिस्सा होता है। जब सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो आयात महंगा हो जाता है, जिससे भारत का व्यापार घाटा बढ़ सकता है।
इसके अलावा, भारत में सोने की कीमतों में वृद्धि से स्थानीय बाजार पर भी असर पड़ता है। आम जनता के लिए सोने की खरीदारी महंगी हो जाती है, जिससे सोने के आभूषणों की बिक्री में भी कमी आ सकती है। हालांकि, निवेशक इस स्थिति में फायदा उठा सकते हैं, क्योंकि सोने की कीमतों में वृद्धि से उनका निवेश मूल्य बढ़ता है।
Silver Rates में गिरावट का कारण
चांदी की कीमतों में गिरावट का प्रमुख कारण इसकी मांग में कमी और वैश्विक बाजार में सोने के मुकाबले चांदी की मांग का कम होना है। पिछले कुछ दिनों में चांदी की कीमतों में स्थिरता देखी जा रही है, लेकिन सोने की कीमतों की तरह चांदी में तेजी नहीं आई है।
चांदी का उपयोग मुख्य रूप से औद्योगिक और सजावटी उत्पादों में किया जाता है, और जब औद्योगिक मांग में कमी आती है, तो चांदी की कीमतें भी गिरने लगती हैं। हालाँकि, दीर्घकालिक निवेश के लिए चांदी भी एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसकी कीमतों में भी समय-समय पर वृद्धि हो सकती है।
सोने और चांदी की कीमतों में हो रहे बदलावों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती और वैश्विक अनिश्चितताओं ने सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प बना दिया है। वहीं, चांदी की कीमतों में गिरावट ने निवेशकों के लिए थोड़ी राहत भी प्रदान की है।
भारतीय बाजार में सोने की कीमतों में वृद्धि का असर कई स्तरों पर देखा जा रहा है, चाहे वह आम जनता हो या निवेशक। अगर आप सोने या चांदी में निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो यह सलाह दी जाती है कि आप बाजार की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय कारकों का ध्यान रखें। सोने और चांदी के दाम में हो रहे इन बदलावों से निपटने के लिए सही निवेश रणनीति अपनाना जरूरी है।
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