Gold Price Today 22 August: Gold हमेशा से भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता आया है। यह न केवल एक आभूषण के रूप में पहचाना जाता है, बल्कि एक मजबूत निवेश के विकल्प के रूप में भी देखा जाता है। गोल्ड की कीमत में लगातार उतार-चढ़ाव के बावजूद, लोग इसे एक सुरक्षित निवेश मानते हैं। आइए जानते हैं, भारत में गोल्ड की कीमतों को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं और गोल्ड में निवेश करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
Gold की अहमियत और भारत में इसका स्थान
भारत में गोल्ड का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व काफी गहरा है। शादी-विवाह से लेकर त्योहारों तक, हर मौके पर गोल्ड की खरीदारी की जाती है। इसके अलावा, गोल्ड को एक मजबूत निवेश के रूप में देखा जाता है जो कठिन समय में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। यही कारण है कि भारतीय परिवार सदियों से गोल्ड को अपने संपत्ति के रूप में जोड़ते आ रहे हैं।
Gold Price पर प्रभाव डालने वाले कारक
गोल्ड की कीमत पर कई वैश्विक और घरेलू कारक असर डालते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव: गोल्ड की अंतरराष्ट्रीय हाजिर कीमतों में किसी भी प्रकार की वृद्धि या गिरावट का सीधा असर भारत में गोल्ड की कीमतों पर पड़ता है।
- अमेरिकी डॉलर की मजबूती: डॉलर की मजबूती के साथ-साथ गोल्ड की कीमतें भी बढ़ती हैं क्योंकि जब डॉलर मजबूत होता है, तो गोल्ड की कीमत में वृद्धि होती है।
- आयात लागत: भारत में अधिकांश गोल्ड आयात किया जाता है, इसलिए आयात लागत में वृद्धि से गोल्ड की कीमतें भी बढ़ती हैं।
- बैंकों की सावधि जमा पर ब्याज दरें: जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो लोग गोल्ड में निवेश करते हैं, जिससे उसकी मांग और कीमतें बढ़ जाती हैं।
- आर्थिक स्थिरता: किसी भी देश की आर्थिक स्थिरता का प्रभाव गोल्ड की कीमतों पर पड़ता है। अस्थिर आर्थिक स्थिति में लोग सुरक्षित निवेश के लिए गोल्ड की ओर रुख करते हैं।
- मौसमी कीमतें: त्योहारों और शादी-ब्याह के मौसम में गोल्ड की मांग बढ़ जाती है, जिससे इसकी कीमतें भी बढ़ जाती हैं।
- मुद्रास्फीति: उच्च मुद्रास्फीति दर से गोल्ड की मांग में वृद्धि होती है क्योंकि लोग इसे एक सुरक्षित निवेश के रूप में देखते हैं। इसके विपरीत, जब मुद्रास्फीति दर कम होती है, तो गोल्ड की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।
- मांग-आपूर्ति: गोल्ड की मांग और आपूर्ति में संतुलन होने से इसकी कीमतों में स्थिरता आती है। अगर किसी कारणवश गोल्ड की मांग बढ़ जाती है, तो उसकी कीमतों में भी तेजी आ सकती है।
24 कैरट और 22 कैरट Gold में अंतर
गोल्ड में निवेश करने से पहले आपको 24 कैरट और 22 कैरट सोने के बीच के अंतर को समझना जरूरी है।
- 24 कैरट सोना: यह 100 फीसदी शुद्ध सोना होता है जिसमें किसी अन्य धातु की मिलावट नहीं होती है। इसलिए यह सबसे महंगा होता है। लेकिन इसकी कोमलता के कारण यह गहनों के निर्माण में उपयोग नहीं होता।
- 22 कैरट सोना: इसमें 91.67 फीसदी शुद्ध सोना होता है और इसमें चांदी या तांबा जैसी धातुएं मिलाई जाती हैं। यह गहनों के निर्माण में अधिक उपयोग होता है क्योंकि यह 24 कैरट के मुकाबले थोड़ा कठोर होता है।
भारत में Gold की मौजूदा कीमतें
गोल्ड की कीमतें हर दिन बदलती रहती हैं और इन पर वैश्विक बाजार का सीधा प्रभाव पड़ता है।
आज की 22 कैरेट गोल्ड की कीमतें
- 1 ग्राम: ₹ 6800.0
- 10 ग्राम: ₹ 68,000
आज की 24 कैरेट गोल्ड की कीमतें
- 1 ग्राम: ₹ 7140.0
- 10 ग्राम: ₹ 71,400
भारत के विभिन्न शहरों में सोने के भाव
शहर | 24 कैरेट सोने के दाम | 22 कैरेट सोने के दाम |
(10 ग्राम) | (10 ग्राम) | |
अहमदाबाद
|
₹ 73,250 | ₹ 67,150 |
बैंगलोर
|
₹ 73,250 | ₹ 67,150 |
भोपाल
|
₹ 73,250 | ₹ 67,150 |
चंडीगढ़
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
चेन्नई
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
दिल्ली
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
गुड़गांव
|
₹ 72,790 | ₹ 67,250 |
हैदराबाद
|
₹ 73,200 | ₹ 67,100 |
जयपुर
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
कानपुर
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
कोलकाता
|
₹ 73,200 | ₹ 67,100 |
लखनऊ
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
मेरठ
|
₹ 73,350 | ₹ 67,250 |
मुम्बई
|
₹ 73,200 | ₹ 67,100 |
मैसूर
|
₹ 73,200 | ₹ 67,100 |
नागपुर
|
₹ 73,200 | ₹ 67,100 |
हॉलमार्किंग: शुद्धता की पहचान
अगर आप गोल्ड में निवेश करने का विचार कर रहे हैं, तो हॉलमार्किंग का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। 1 जुलाई 2021 से सरकार ने हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है। हॉलमार्किंग के जरिए आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपका गोल्ड शुद्ध है।
हॉलमार्किंग के तीन प्रमुख चिन्ह:
- BIS लोगो: यह गोल्ड की शुद्धता की गारंटी देता है।
- प्योरिटी का ग्रेड: यह गोल्ड की शुद्धता को दर्शाता है।
- HUID: यह 6 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है जो गोल्ड की पहचान को दर्शाता है।
गोल्ड में निवेश के तरीके
गोल्ड में निवेश करने के कई तरीके होते हैं। कुछ प्रमुख तरीके निम्नलिखित हैं:
- फिजिकल गोल्ड: इसमें गहने, सिक्के, और बार शामिल होते हैं। यह सबसे आम और पारंपरिक तरीका है।
- गोल्ड ईटीएफ: यह एक ऐसा फाइनेंशियल प्रोडक्ट है जिसमें आप बिना फिजिकल गोल्ड के ही इसमें निवेश कर सकते हैं।
- गोल्ड म्यूचुअल फंड्स: इसमें आप गोल्ड के संबंधित शेयरों और सिक्योरिटीज़ में निवेश कर सकते हैं।
- सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स: यह सरकारी बांड होता है जिसमें आप गोल्ड के रूप में निवेश कर सकते हैं और ब्याज भी कमा सकते हैं।
गोल्ड निवेश के फायदे
- सुरक्षित निवेश: गोल्ड एक सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि इसका मूल्य समय के साथ बढ़ता ही रहता है।
- इंफ्लेशन हेज: गोल्ड को इंफ्लेशन के खिलाफ एक अच्छा हेज माना जाता है क्योंकि जब मुद्रास्फीति बढ़ती है, तो गोल्ड की कीमत भी बढ़ती है।
- लिक्विडिटी: गोल्ड की लिक्विडिटी अच्छी होती है, यानी इसे आप आसानी से कैश में बदल सकते हैं।
गोल्ड खरीदने से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- प्रामाणिकता: हॉलमार्किंग देखें और सुनिश्चित करें कि गोल्ड शुद्ध है।
- गोल्ड की कीमत: खरीदारी से पहले विभिन्न सोर्सेस से गोल्ड की कीमतों की तुलना करें।
- कस्टम ड्यूटी: गोल्ड पर लगने वाले टैक्स और कस्टम ड्यूटी का ध्यान रखें।
गोल्ड निवेश के नुकसान
- प्राइस वोलटिलिटी: गोल्ड की कीमतें लगातार बदलती रहती हैं, जिससे इसमें निवेश में जोखिम हो सकता है।
- स्टोरेज कॉस्ट: फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने के लिए आपको स्टोरेज की आवश्यकता होती है, जिससे अतिरिक्त खर्च हो सकता है।
- लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट: गोल्ड में निवेश लंबे समय के लिए फायदेमंद होता है, इसलिए अगर आप शॉर्ट टर्म में लाभ चाहते हैं, तो यह विकल्प सही नहीं हो सकता।
गोल्ड हमेशा से भारतीयों के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश का साधन रहा है। चाहे वह पारंपरिक तरीकों से फिजिकल गोल्ड में हो या मॉडर्न तरीकों से गोल्ड ईटीएफ और सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स के जरिए, गोल्ड निवेश का महत्व समय के साथ बढ़ा है। हालांकि, गोल्ड में निवेश करने से पहले उसके विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि आप सही निर्णय ले सकें। गोल्ड प्राइस, हॉलमार्किंग, और गोल्ड की शुद्धता जैसी चीजों का ध्यान रखते हुए आप एक समझदारी भरा निवेश कर सकते हैं जो आपको आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
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