Taaza Khabar Season 2 Review: 2023 में रिलीज़ हुआ Taaza Khabar का पहला सीजन दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाने में सफल रहा। इस सीरीज की कहानी एक साधारण शख्स, वसंत गोरे (जिसका किरदार निभाया है भुवन बाम ने) के इर्द-गिर्द घूमती है। वसंत, एक टॉयलेट अटेंडेंट है, जिसे एक दिव्य शक्ति मिलती है – उसे घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है। ये भविष्यवाणी उसे फोन पर नोटिफिकेशंस के रूप में मिलती है, जिससे उसकी किस्मत रातोंरात बदल जाती है। इस अलौकिक शक्ति के चलते वसंत का जीवन गरीबी से शाही बन जाता है।
पहले सीजन में वसंत ने अपने इस नए साम्राज्य के दौरान कई दुश्मन बनाए, जिसमें एक प्रमुख गैंगस्टर भी शामिल था, और अंत में उसे अपने ही मौत की खबर का सामना करना पड़ा। यही खबर सीजन के समापन का आधार बनी और दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया – क्या वसंत वाकई मर जाएगा?
Taaza Khabar Season 2 की कहानी: एक बेवक्त की वापसी
सीजन 2 में यही सवाल उठाया गया, लेकिन इस बार कहानी कुछ नए मोड़ के साथ आई। लेकिन क्या वसंत की वापसी कहानी को मजबूती दे पाई? जवाब शायद निराशाजनक है। दूसरे सीजन में वसंत की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां उसने पिछले सीजन को छोड़ा था – ज़िंदा लेकिन समस्याओं से घिरा हुआ।
इस बार कहानी वसंत के संघर्षों पर केंद्रित है, जहां उसे एक अंडरवर्ल्ड डॉन यूसुफ (जावेद जाफरी) से अपना कर्ज चुकाने का प्रयास करते हुए दिखाया गया है। यूसुफ के सामने कर्ज की राशि बार-बार बढ़ाई जाती है – पहले 100 करोड़, फिर 500 करोड़ और अंत में 1000 करोड़। यह रकम वसंत के लिए हर पल और भारी हो जाती है।
मुख्य पात्र और रिश्तों का ताना-बाना:
वसंत के रिश्तों पर भी ध्यान दिया गया है, खासकर उसके माता-पिता (विजय निकम और अतिशा नाइक) और उसकी पूर्व प्रेमिका मधु (श्रिय पिलगांवकर) के साथ। वसंत की दोस्ती पीटर (प्रथमेश परब) और महबूब (देवेन भोजानी) के साथ भी पहले की तरह गहरी है, जो उसकी मुश्किलों में साथ देते हैं।
वसंत और यूसुफ के बीच की टकराव को केंद्र में रखते हुए, इस सीजन में कुछ नए पात्र भी सामने आते हैं। इनमें प्रमुख हैं राजनीतिज्ञ स्मिता (गौरी प्रधान तेजवानी), जो यूसुफ के धमाकेदार व्यक्तित्व को चुनौती देती है। हालांकि, यूसुफ का किरदार एक मज़ाकिया रूप लेता है और जावेद जाफरी जैसे अभिनेता का पूरा उपयोग नहीं किया गया है।
क्या वसंत का संघर्ष दर्शकों को बांध पाता है?
हालांकि सीजन 2 की कहानी में कई जगहों पर वसंत का संघर्ष दिखाया गया है, लेकिन यह संघर्ष उतना रोमांचक नहीं लगता जितना कि पहले सीजन में था। यूसुफ के साथ उसकी भिड़ंत और कर्ज चुकाने की जद्दोजहद को जबरन लंबा खींचा गया है। यूसुफ बार-बार धमकियां देता है, लेकिन उनके पीछे कोई ठोस कार्रवाई नहीं दिखती, जिससे कहानी का रोमांच कम हो जाता है।
सीजन 2 में कई संवाद हास्यप्रद होते हैं, जैसे वसंत के माता-पिता का यह कहना कि वे कर्ज की किस्तों में चुकौती करेंगे। लेकिन कुल मिलाकर, संवादों में वही पुरानी गाली-गलौच और अपशब्दों का दौर जारी है, जिससे सीरीज का मज़ा फीका हो जाता है।
कहानी का खिंचाव और विकास की कमी:
सीजन 2 की सबसे बड़ी कमजोरी है इसकी लंबाई। पूरी कहानी को आसानी से दो-तीन एपिसोड्स में समेटा जा सकता था, लेकिन इसे जबरन छह एपिसोड्स में खींचा गया है। इस खिंचाव से कहानी बेजान सी लगने लगती है, और सीजन 1 के समापन के बाद जो उत्सुकता थी, वह सीजन 2 में धुंधली हो जाती है।
वसंत का भाग्य और उसके फैसले:
वसंत का किरदार पहले सीजन में जहां ताकतवर और निर्णायक लगता था, वहीं सीजन 2 में उसकी दुविधाओं और कमजोरियों को उभारकर उसे थोड़ा असहाय दिखाया गया है। हर मोड़ पर उसे सिर्फ अपने कर्ज को चुकाने की चिंता है, और इसमें वह कई बेवकूफी भरे निर्णय लेता है। उसके साथ रहने वाले उसके दोस्त पीटर और महबूब भी उसकी योजनाओं का हिस्सा होते हैं, लेकिन कहीं न कहीं ये प्लॉटलाइन ठंडी लगती है।
प्रदर्शन और निर्देशन की समीक्षा:
सीजन 2 के कलाकारों का प्रदर्शन भी पहले सीजन जैसा ही है, लेकिन उन्हें कोई खास नया करने का मौका नहीं दिया गया। भुवन बाम का वसंत अब उतना दिलचस्प नहीं लगता, और जावेद जाफरी जैसे अनुभवी कलाकार का यूसुफ के रूप में मज़ाकिया किरदार कहीं न कहीं निराश करता है।
हिमांक गौर के निर्देशन में भी कुछ खास नयापन नहीं दिखता। पहले सीजन में जिस अंदाज में कहानी को बताया गया था, उसी ढर्रे पर ये सीजन भी चलता है, लेकिन इस बार उत्साह की कमी साफ महसूस होती है।
क्या है Taaza Khabar Season 2 का भविष्य?
सीजन 2 के बाद एक सवाल उठता है – क्या ‘Taaza Khabar’ की कहानी अब और आगे बढ़ेगी? अगर सीजन 3 बनाने की योजना है, तो उसे एक नई दिशा में ले जाने की ज़रूरत होगी। दर्शकों को वसंत के चरित्र में और गहराई देखने की उम्मीद होगी, और उन्हें कुछ नया चाहिए, क्योंकि इस बार कहानी में कुछ भी नया या अप्रत्याशित नहीं था।
FAQs:
- क्या वसंत वाकई मरेगा?
नहीं, वसंत इस सीजन में जिंदा रहता है, लेकिन उसकी ज़िंदगी में समस्याएं कम नहीं होतीं। - क्या वसंत और यूसुफ के बीच की कहानी का कोई नतीजा निकला?
यूसुफ और वसंत के बीच का टकराव इस सीजन में मुख्य कथा है, लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता। - क्या यह सीजन पहला सीजन जैसा ही रोमांचक है?
सीजन 2 में पहले सीजन जितना रोमांच नहीं है, और कहानी की गति भी धीमी हो गई है। - सीजन 2 की मुख्य कमी क्या है?
कहानी का खिंचाव, प्लॉट का बेजान हो जाना, और किरदारों का नयापन खत्म होना इसकी मुख्य कमजोरियां हैं।
Taaza Khabar Season 2 जहां कुछ मजेदार पलों से भरा हुआ है, वहीं कुल मिलाकर यह सीजन दर्शकों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता। वसंत की कहानी अब बासी हो चुकी लगती है, और यूसुफ का धमाकेदार व्यक्तित्व कहीं खो गया है। अगर सीरीज को आगे बढ़ना है, तो उसे नई दिशा और ताजगी की ज़रूरत है।
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