भारत के एथलीट Praveen Kumar ने पेरालंपिक्स 2024 में पुरुषों की हाई जंप T64 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। 6 सितंबर 2024 को पेरिस में आयोजित इस इवेंट में प्रवीण ने 2.08 मीटर की सर्वश्रेष्ठ छलांग लगाकर न केवल स्वर्ण पदक जीता बल्कि एशियन रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। यह भारत के लिए एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई और देश की पदक तालिका में इजाफा किया।
Praveen Kumar की ऐतिहासिक छलांग
प्रवीण की सर्वश्रेष्ठ छलांग 2.08 मीटर की रही, जिसने उन्हें इस इवेंट में पहला स्थान दिलाया। 21 वर्षीय इस युवा खिलाड़ी ने अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए एशियाई रिकॉर्ड भी बनाया। पेरालंपिक्स 2024 में स्वर्ण पदक जीतने के साथ ही प्रवीण ने अपने करियर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण था।
प्रवीण की इस जीत ने भारत को पेरिस पेरालंपिक्स में 26वां पदक दिलाया और भारत की इस अद्भुत यात्रा में एक और स्वर्ण पदक जोड़ा। यह जीत खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रवीण ने टोक्यो पेरालंपिक्स 2020 में सिल्वर पदक जीता था, और इस बार उन्होंने स्वर्ण पदक हासिल कर अपने प्रदर्शन को और बेहतर किया।
पदक तालिका और अन्य पदक विजेता
इस इवेंट में रजत पदक अमेरिका के डेरिक लोसेडेंट (Derek Loccident) ने जीता, जबकि कांस्य पदक उज़बेकिस्तान के गियाज़ोव तेमुरबेक (Giyazov Temurbek) और पोलैंड के मासीज लेपियातो (Maciej Lepiato) ने संयुक्त रूप से हासिल किया।
भारत के लिए यह छठा स्वर्ण पदक था और इस जीत ने भारत को टॉप 10 की दौड़ में बनाए रखा।
प्रवीण कुमार का T64 वर्ग में शामिल होना
T64 श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए होती है जिन्हें एक निचले पैर में हल्की या मध्यम गतिशीलता की कमी होती है, या जिन्हें एक या दोनों पैर घुटने के नीचे से काटे गए होते हैं। प्रवीण कुमार का यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है क्योंकि वह T44 वर्ग के खिलाड़ी हैं, जिसमें हल्की से मध्यम गतिशीलता की कमी होती है। प्रवीण का यह प्रदर्शन इस श्रेणी में खासा उल्लेखनीय है।
Praveen Kumar की अन्य उपलब्धियाँ
Praveen Kumar उत्तर प्रदेश के छोटे से कस्बे जेवर से आते हैं। उनके लिए एथलेटिक्स की दुनिया में आना आसान नहीं था, क्योंकि उनके जन्म से ही बाएं पैर में हड्डियों की समस्या थी। इस शारीरिक चुनौती के बावजूद, प्रवीण ने अपने जुनून और मेहनत से खुद को साबित किया।
2019 में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स जूनियर चैंपियनशिप में उन्होंने खासा ध्यान खींचा, भले ही उन्होंने तब कोई पदक नहीं जीता था। इसके बाद से उनका सफर लगातार सफलता की ओर रहा है, और पेरिस पेरालंपिक्स 2024 में स्वर्ण पदक जीतना उनकी मेहनत और लगन का परिणाम है।
प्रेरणा की कहानी
प्रवीण कुमार की कहानी उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा है जो शारीरिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। अपनी शारीरिक समस्या के बावजूद, उन्होंने न केवल अपने परिवार और गाँव का नाम रोशन किया बल्कि देश को भी गर्व महसूस कराया।
उनकी सफलता इस बात का प्रमाण है कि कड़ी मेहनत, समर्पण और आत्म-विश्वास के साथ कोई भी व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है। प्रवीण ने दिखाया है कि बाधाएँ चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हों, सही मार्गदर्शन और प्रयास से उन्हें पार किया जा सकता है।
पेरालंपिक्स 2024 में भारत की उपलब्धियाँ
पेरालंपिक्स 2024 में भारत का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है। भारत ने इस इवेंट में कुल 26 पदक जीते हैं, जिसमें से 6 स्वर्ण पदक शामिल हैं। प्रवीण कुमार की जीत से भारत की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं और देश टॉप 10 देशों में शामिल होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रवीण की भविष्य की योजनाएँ
Praveen Kumar का लक्ष्य अब अगले पेरालंपिक्स और विश्व चैंपियनशिप में अपनी सफलता को दोहराना है। उनके कोच और टीम का मानना है कि प्रवीण के पास अभी भी काफी क्षमता है और वह आने वाले वर्षों में और भी बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।
प्रवीण कुमार की यह जीत न केवल उनके लिए बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व का क्षण है। उनकी कड़ी मेहनत, समर्पण और कभी हार न मानने की भावना ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। पेरालंपिक्स 2024 में भारत का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है, और देश की उम्मीदें अब और भी बढ़ गई हैं। प्रवीण ने साबित कर दिया है कि शारीरिक चुनौतियाँ इंसान की क्षमता को सीमित नहीं कर सकतीं। उनका यह सफर हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो जीवन में किसी न किसी प्रकार की कठिनाई का सामना कर रहा है।
भारत को प्रवीण कुमार जैसे खिलाड़ियों पर गर्व है, और उनकी इस ऐतिहासिक जीत के साथ भारत पेरालंपिक्स 2024 में अपने शानदार प्रदर्शन को जारी रखने की उम्मीद कर रहा है।
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